Thursday, February 28, 2008

फिरकापरस्ती


घर बनाना था ये क्या बना बैठे
कहीं मन्दिर बना बैठे, कहीं मस्जिद बना बैठे।
अच्छा है परिंदों के यहाँ फिरकापरस्ती नही होती,
कभी मस्जिद पर जा बैठे, कभी मन्दिर पर जा बैठे॥

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